केन्द्रीय विद्युत अनुसंधान संस्थान (सी पी आर आई) विद्युत मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त सोसाइटी है । भारत सरकार द्वारा 1960 में इसकी स्थापना की गई तथा 1978 में स्वायत्त सोसाइटी के रूप में उसका पुनर्गठन किया गया ।
संस्थान के शासी निकाय में सरकार, विद्युत उपयोगिताओं, उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्य शामिल हैं। सचिव विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार शासी परिषद् के अध्यक्ष हैं । संस्थान के मुख्य अधिशासी महानिदेशक हैं, जो शासी परिषद् के सदस्य सचिव भी हें ।
सी पी आर आई वैद्युत शक्ति इंजीनियरी में अनुप्रयुक्त अनुसंधान के लिए केंद्र के रूप में काम करने के अलावा विद्युत उपस्कर के परीक्षण और प्रमाणीकरण को संपन्न करने के लिए एक प्रधान निकाय के रूप में कार्यरत है ।एक स्वतंत्र राष्ट्रीय तृतीय पार्टी प्रयोगशाला होने के नाते, सीपीआरआई:
- विद्युत क्षेत्र को वितरित उत्पादों एवं पदार्थों के गुणता आश्वासन परीक्षण तथा प्रमाणीकरण में निर्माताओं तथा उपयोगिताओं के लिए तत्काल सेवाएँ प्रदान करता है ।
- क्रियाकलाप की सभी पहलुओं में दक्षता और विश्वसनीयता को सुधारने में विद्युत क्षेत्र को सहयोग देता है ।
- विद्युत प्रणालियों में मितव्ययिता और विश्वसनीयता को प्राप्त करने के लिए निदानात्मक और आयु विस्तरण अध्ययनों के द्वारा विद्युत संयंत्र और उपस्कर के स्थिति मानीटरन, नवीकरण, आधुनिकीकरण तथा आयु विस्तरण के क्षेत्र में सेवाएँ उपलब्ध कराता है ।
- विद्युत प्रणाली प्रौद्योगिकी विकास में अनुप्रयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा देता है ।
संस्थान में अनेक अनुसंधान प्रयोगशालाएँ तथा परीक्षण सुविधाएँ हैं, जो भारत के विभिन्न स्थानों पर विशिष्ट क्षेत्रों में कार्यरत है। संप्रति अन्य सहायक स्टॉक के अलावा 200 से भी अधिक इंजीनियर एवं वैज्ञानिक है, जो संस्थान के विभिन्न प्रचालनों का संचालन व मार्गदर्शन करते हैं। संस्थान का मुख्यालय बेंगलूर में हैं तथा इसके एकक भोपाल, हैदराबाद, नोएडा, कोलकत्ता तथा गुवाहटि में स्थित है।
पिछले कुछ वर्षों में, सी पी आर आई ने पारेषण तथा वितरण प्रणाली, लघु पथन परीक्षण, अति उच्च वोल्टता परीक्षण, उच्च वोल्टता परीक्षण, शक्ति संधारित्रों का परीक्षण, शक्ति केबिल तथा उपसाधनों, सौर तथा एल ई डी प्रकाश प्रणाली, वायु वातानुकूलकों, प्रशीतकों, ऊर्जा मीटरन,स्मार्ट मीटर तथा विभिन्न अन्य वैद्युत उपस्कर के क्षेत्रों में विशेषज्ञता का निर्माण किया है। ऊर्जा अंकेक्षण, पारेक्षण लाइन टावर अभिकल्प, चालक कंपन अध्ययन, परिणामित्र तेल सुधार तथा परीक्षण, निदान एवं स्थिति मानीटरन, उपस्कर का शेष आयु निर्धारण का आकलन, विद्युत प्रणाली अनुप्रयोग के लिए नई सामग्रियाँ तथा अन्य संबंधित क्षेत्रों में विशेषज्ञता का निर्माण किया है । संस्थान भूकंपीय परीक्षण और वास्तविक काल अनुकरण सुविधा से लैस है, शैक्षणिक संस्थानों, उपयोगिताओं और उद्योग के साथ सहयोगात्मक अनुसंधान करने के लिए अत्याधुनिक बुनियादी सुविधाओं की स्थापना की गई है।